Gita Parihar

Inspirational

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भइया राम मुंडा

भइया राम मुंडा

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भइया राम मुंडा का जन्म 11 जनवरी 1918 को हुआ था। इनके पिता गोपाल मुंडा का निधन इनके बाल्यकाल में ही हो गया था।

मां चांद देवी ने ही इनकी शिक्षा की जिम्मेवारी उठाई। भइया राम मुंडा पढ़ने में मेधावी थे। 1931 में मिडिल स्कूल की परीक्षा में रांची जिले में दूसरा स्थान प्राप्त किया। मां ने शुरुआती दौर में ही शिक्षा के प्रति जो रुचि जगायी थी उसकी वजह से इन्होंने अपने जीवन में महिलाओं की शिक्षा पर और खासकर आदिवासी महिलाओं की शिक्षा पर काम किया।

1945 में इनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। पांच वर्ष बाद वे रांची जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने।1967 में वे तमाड़ विधानसभा के विधायक बने। इसके बाद 1969 में कांग्रेस प्रत्याशी चयन समिति के सदस्य बने और 1972-78 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। 1972 में जब छोटानागपुर खादी ग्राम उद्योग संस्थान की स्थापना हुई तो इन्हें उसका अध्यक्ष पद संभालने का मौका मिला। ये आजीवन खादी ग्रामोद्योग संस्थान के अध्यक्ष रहे।

स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ और समाजसेवी भइया राम मुंडा की मुंडारी लोक कथाओं का संकलन 1961 में 'दड़ा जमा कन होड़ो कहानी कोष प्रकाशित हुआ। इस प्रकाशन की वजह से इनका नाम वल्र्डकैट आईडेंटिटीज में भी दर्ज है।



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