बात खत्म होने से शुरू होती बात
बात खत्म होने से शुरू होती बात
"बहुत हो गया अब।चलो अब बात खत्म कर दो तुम।"
पति की 'हरकतें' पर उसे जो अंदेशा था वह सही साबित हुआ था।आज जब उसने पति को पूछना चाहा तो तू तू मैं मैंं के बाद बात खत्म करने की बात करके वह बाहर कही चला गया। अब तो उसकी 'बात' शुरू हो गयी है।बात भी कोई मामूली नही।सवाल पर सवाल करने वाली बात।वह जो घर मे कभी पहली थी,आज पता नही क्यों 'दूसरी' के आने से तीसरे दर्जे की क्यों हो गयी है? बिल्कुल घर मे बेकार पड़े सामान की तरह जो गाहे बगाहे नज़रों में खटकता रहता है।पति नाम के मर्द को तो अख्तियार है कुछ भी करने का।किसी को लाये या किसी को छोड़ दे।उसे क्या फ़र्क़ पड़ता है?उसे रोटी और बिस्तर दोनो ही चीजें सही वक़्त पर मिलनी चाहिए।
अस्सल में बात खत्म होने के बाद ही बात शुरू हो जाती है....आप को भी शायद इत्तेफ़ाक़ होगा...