संपूर्ण जीवन भलाई करते रहने का आखिर यह कैसा फल है……? संपूर्ण जीवन भलाई करते रहने का आखिर यह कैसा फल है……?
बच्चे को पढ़ाने का सपना भी उसका पूरा हो सकेगा। बच्चे को पढ़ाने का सपना भी उसका पूरा हो सकेगा।
अस्सल में बात खत्म होने के बाद ही बात शुरू हो जाती है....आप को भी शायद इत्तेफ़ाक़ होगा... अस्सल में बात खत्म होने के बाद ही बात शुरू हो जाती है....आप को भी शायद इत्तेफ़ाक़ ...
बेबस रमा अपनी सास की आंखों में आंसू भर देख रही थी और क्या कर सकती है। बेबस रमा अपनी सास की आंखों में आंसू भर देख रही थी और क्या कर सकती है।
"और मुझसे भी अच्छा मेरा बेटा।" जिंदगी मुस्कुरा रही थी। "और मुझसे भी अच्छा मेरा बेटा।" जिंदगी मुस्कुरा रही थी।