18 जून 2021
18 जून 2021
मुझे लगता है कि दवाओं का प्रभाव कम होता जा रहा है। कल से ही पेशाब में कठिनाई थी आज और भी बढ़ गई है। भय्या ने डॉक्टर चंद्रा से बात की तो उन्होंने तुरंत अस्पताल लाने के लिए कहा। सीमा, सौरभ और अनुभव ने अस्पताल पहुंचाया। सीमा भी आना चाहती थी लेकिन मैंने उसे रोक दिया। मैं सीमा और अनुभव को एक साथ नहीं देखना चाहता था। लगभग चार घंटे अस्पताल में रहा। कई टेस्ट हुए। कैथिटर से पेशाब निकाला गया लेकिन शुक्र है कैथिटर को लगा नहीं रहने दिया गया। डॉक्टर ने दवाएं बदलीं हैं।
शाम को घर वापस आ गया। समय के साथ मुझे विश्वास होता जा रहा है कि मेरी मृत्य निकट है। कैंसर से संक्रमित किड्नी हटा दी गई है लेकिन कैंसर कभी भी पूरी तरह समाप्त नहीं होता है। जो किडनी बची है वह कभी काम करती है और कभी नहीं। डॉक्टर के अनुसार मेरे केस में किड्नी ट्रांसप्लान्ट नहीं हो सकता है। डाइलीसिस का ऑपरेशन सफल है लेकिन डाइलीसिस कुछ दिनों बाद ही हो पाएगी।
शारीरिक समस्याओं से अधिक मैं मानसिक समस्याओं से ग्रस्त हूँ। सीमा और अनुभव के प्रेम संबंध मेरे लिए बड़ी बात न होती यदि अनुष्का और अनुभाव की समस्या सामने ना आती। अनुष्का जब सामने आती है तो पूर्णतः निर्दोष लगती है। उसका निरीह मासूम सा चेहरा देखकर मुझे उसके चरित्र पर संदेह करना पाप लगता है। लेकिन जिस प्रकार वह अनुभव से निकट होती जा रही है उसे भी झुठलाया नहीं जा सकता। क्या मैं अपने कानों और आँखों पर विश्वास करना बंद कर दूँ ?
सारा दोष अनुभव का है। लेकिन कैसे? यदि स्त्री न चाहे तो कोई पुरुष क्या कर सकता है? पालिमॉनरी (polymonry) पुरुष के स्वभाव में होती है। उसको प्रोत्साहित स्त्री ही करती है। पुरुष से बातचीत करने, मिलने जुलने की सीमाओं का निर्धारण स्त्री ही करती है। अनुष्का ने मेरे रहते हुए भी पर-पुरुष के मित्रता के निमंत्रण को कितनी सहजता से स्वीकार कर लिया। यदि अनुष्का ने स्वयं को संयमित रखा होता तो अनुभव का कदापि यह साहस न होता कि वह मेरे ही घर में मेरी ही पत्नी से हंसी ठिठोली करता।
डॉक्टर के परामर्श के कारण हम दोनों निकट नहीं आ सकते हैं। एक कुंवारी स्त्री स्वयं पर नियंत्रण कर सकती है लेकिन एक विवाहिता के लिए स्वयं पर नियंत्रण रखना बहुत कठिन होता है। जिसने नशा नहीं किया है वह शराब की बोतल से अप्रभावित रह सकता है लेकिन जो नशे का आनंद ले चुका है, जिसे नशे की आदत पड़ चुकी है वह शराब की बोतल से स्वयं को कब तक दूर रख सकता है। कानपुर में यह लोग अकेले थे। सीमा और अनुभव की चैटिंग से यही लगता है कि इन लोगों ने अवसर का पूरा लाभ उठाया होगा।
मैं सीमा और अनुभव से इस विषय पर अलग अलग बात करूंगा। मैं अपनी ही नाक के नीचे रास लीला नहीं चलने दूंगा। मैं बहुत दिनों तक अनजान बन कर अपने आत्मसम्मान की झूठी रक्षा नहीं कर सकता। अनुभव दिल ही दिल में हँसता होगा। और उसे हंसने का अधिकार भी है। वह मेरी बहन और पत्नि पर एक साथ डोरे डाल रहा है और मैं उसका कुछ नहीं कर पा रहा हूँ। मेरे पास इतना पैसा है कि मैं दो तीन अनुभव खरीद सकता हूँ। लेकिन घर की इज़्ज़त मुझे कुछ भी करने से रोकती है।
यदि किसी प्रकार अनुष्का के मोबाईल की चैट पढ़ने को मिल जाए तो सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। इसके लिए मुझे राहत से सहायता लेना पड़ेगी। वह इलेक्ट्रॉनिक विजिलेन्स सेल से इन दोनों की चैट निकलवा सकता है।
मैंने राहत को बुलाया। रात काफी देर से आया। उसको अपनी समस्या बताई। उसने कहा भय्या इलेक्ट्रॉनिक विजिलेन्स सेल मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। लेकिन कल परसों तक आप को सारी चैट मिल जाएगी।
उसके बाद उसने कहा, "भय्या आप अनुभव को बहुत ढील दे रहे हैं। आप कहिए तो मैं सारी समस्या एक दिन मैं हल कर दूँ।?
"तुम क्या करोगे?"
"मैं उनसे बात करूंगा और साफ़ साफ़ कहूँगा कि आप सीमा से शादी के लिए पारंपरिक और सभ्य ढंग से बात आगे बढ़ाइए और अनुष्का भाभी से फ़्लर्ट करना छोड़ दीजिए। अगर आपने मेरी बात ना मानी तो मैं आपकी ऐसी गत बनाऊँगा की लड़कियां आपकी सूरत देख कर डरने लगेंगी।"
मैंने उसे समझाते हुए कहा, "अनुभव सौरभ का भाई है। मैं उसके विरुद्ध कोई शक्ति का प्रयोग नहीं चाहता हूँ।"
"ठीक है। आप जो चाहेंगे वही होगा।" मैं कल परसों तक चैट निकलवा दूंगा।"
अनुष्का अभी अभी मेरे पास से गई है। उसने मेरे बालों में उँगलियाँ फेरीं। सोने का समय हो गया है फिर भी कंघी की। हम दोनों ने एक दूसरे को प्यार किया। जब उसने देखा कि मैं बहुत आगे बढ़ रहा हूँ, उसे शायद डॉक्टर का परामर्श याद आ गया, उसने ख़ुद को मुझसे छुड़ाया और कमरे से बाहर निकल गई।