25 जून 2021
25 जून 2021
लगभग दस बजे सौरभ और राहत आए। उनके आते ही मैंने अनुभव के विषय में पूछा। सौरभ ने बताया कि अभी तक उसका कोई समाचार नहीं मिला है। उसकी आख़री बात अनुष्का से हुई थी। राहत ने बताया की अनुष्का भाभी बता रहीं थीं कि वह बात करते समय बहुत डिप्रेस्ड लग रहा था। राहत ने यह भी बताया कि सौरभ भय्या ने एफ.आई.आर. लिखा दी है। अब उसने सरकारी तौर पर उनकी ढूँढाई शुरू कर दी है।
सौरभ ने घर के सब लोगों को इकठ्ठा होने के लिए कहा। भय्या, भाभी और सीमा भी आ गए। राहत ने कहा, "ममता भाभी भय्या के लिए एक अच्छी खबर है। अब भय्या को न तो डैलेसिस की जरूरत है और न ही किड्नी ट्रांसप्लान्ट की।"
उसकी बात को सौरभ ने आगे बढ़ाते हुए कहा, "मैंने आप लोगों को बताया था कि जर्मनी ने डैलेसिस की एक डिवाइस बनाई है जो ट्रायल में है और वह जल्दी ही मार्केट में आ जाएगी। मैं समझ रहा था कि उसके आने में कुछ समय लगेगा लेकिन डॉक्टर चंद्रा ने बताया कि डिवाइस मार्केट में आ चुकी है। यह इलेक्ट्रॉनिक डैलेसिस डिवाइस (ई.डी.डी.) बेसिक मोबाईल के साइज़ की है और इसे बग़ल और कमर के बीच बाहर ही लगाया जाता है। इसको आपरेशन द्वारा एक ट्यूब की सहायता से किडनी के समानांतर जोड़ दिया जाता है। ई.डी.डी. लगने के बाद पेशेंट बिल्कुल आम आदमी की ज़िंदगी गुज़रता है। इस डिवाइस के लगने के बाद ओरिजनल किड्नी की आवश्यकता ही नहीं रह जाती है। ई.डी.डी. में दो सेल लगे रहते हैं जिनमें एक मेन सेल होता है और दूसरा बैक-अप के लिए होता है।"
सीमा ने पूछा, "यह डिवाइस कहाँ से मिलेगी?"
सौरभ ने उत्तर दिया, "यह डिवाइस जर्मनी में बनाई गई है। डॉक्टर चंद्रा ने हम लोगों को ई.डी.डी. के बारे में एक सप्ताह पहले बताया था। हम लोगों ने बड़े भय्या से पैसे लेकर ऑर्डर कर दिया था। डिवाइस अस्पताल में आ गई है।
"भाभी ने पूछा, "तुम लोगों ने इतनी अच्छी खबर को छुपाए क्यों रखा?"
"हम लोगों ने सोचा कि अगर किसी कारण डिवाइस नहीं पहुँच पाई तो सब को बहुत निराशा होगी।"
राहत ने कहा, "अगर यह बात आप लोगों को एक सप्ताह पहले बताते तो शायद आप लोगों को वह खुशी न मिलती जो अभी मिल रही। है।"
भाभी ने पूछा, "अब आगे क्या करना है।"
राहत ने कहा, "डॉक्टर चंद्रा ने कल का समय दिया है। आप जानती ही हैं कि वह अपने ऑपरेशन सवेरे ही करते हैं। उन्होंने छै बजे का समय दिया है। हम लोगों को पाँच बजे तक अवश्य अस्पताल पहुँच जाना चाहिए।"
भाभी ने पूछा, "ऑपरेशन में कोई खतरा तो नहीं है ?"
"नहीं वैसे तो कोई ख़तरे की बात नहीं है। लेकिन एक ही महीने में दो मेजर ऑपरेशन नहीं किए जाते हैं। लेकिन भय्या के लिए ज़रूरी है। ऑपरेशन में चार घंटे लगेंगे, चौबीस घंटे उन्हें ऑब्ज़र्वेशन में रखा जाएगा। कल भय्या घर आ जाएंगे।"
थोड़ी देर बाद सब लोग अपने अपने काम पर लग गए। राहत अपने ऑफ़िस चला गया। केवल अनुभव रह गया। मैंने अनुष्का से हुई कल की सारी बात चीत सौरभ को बताई। उसे मेरी अंतिम बात, कि मैंने उससे अलग होने का निर्णय लिया है, अच्छी नहीं लगी। कहने लगा, "संबंध विक्षेद की बात सही नहीं है। तुम आवेश में आ कर जल्दबाज़ी कर रहे हो। तुम घटनाओं को शंका और संदेह के चश्मे से देख रहे हो। मेरी सौरभ से बात हुई थी। वह एक ही बात दुहराए जा रहा था कि 'मेरे अनुष्का से कोई संबंध नहीं हैं'। उसकी बातों से नहीं लगता कि उसके और अनुष्का के बीच कोई बात है। हाँ यह सत्य है कि वह सीमा से अटूट प्रेम करता है और उससे विवाह करना चाहता है।"
मैंने उत्तर दिया, "विचारों कि कलुषता को निर्मल किया जा सकता है लेकिन शरीर की कलुषता को आजीवन पवित्र नहीं किया जा सकता है।" मैंने उसको स्टोर रूम की बात बताई और फिर कहा, "मैं अनुष्का को कभी माफ़ नहीं कर सकता।" सौरभ चुप हो गया।
फिर बोला, "तुम्हारी अनुभव से क्या बात हुई थी? तुमने ऐसा क्या कह दिया कि वह सारी रात जागता रहा और फिर अगले दिन से लापता हो गया। मुझे डर लग रहा है कि कहीं वह कोई उलट सीधा क़दम ना उठा ले।"
मैं स्वयं भी यह सोच कर डर रहा था कि कहीं वह आत्महत्या ना कर ले। सौरभ ने मेरे उत्तर की प्रतीक्षा नहीं की और थोड़ी देर बाद चला गया।
मैंने सीमा को बुलवाया। वह थोड़ा डरी हुई थी। मैंने कहा, "तुम जिस मानसिक वेदना से गुज़र रही हो उसे मैं अच्छी तरह समझ रहा हूँ। लेकिन मैं नहीं चाहता कि तुम्हारा पूरा भविष्य ही पीड़ा बन जाए। अनुष्का और अनुभव की चैट मैंने पढ़ी है और उससे उनके अनुचित संबंधों की पुष्टि होती है। चाहो तो तुम भी पढ़ लो।"
"आप ने पढ़ ली है इतना काफ़ी है। आप बताइए आप मुझसे क्या चाहते हैं।"
"कल मेरा ऑपरेशन है। डॉक्टर का कहना की ऑपरेशन सफल ही रहेगा। किन्तु कोई भी परिणाम नहीं जानता है क्यों की एक महीने के अंदर यह दूसरा मेजर ऑपरेशन है। मैं तुमसे एक वचन लेना चाहता हूँ। बोलो वचन दोगी ?
"आप की बात मैं वैसे भी नहीं टाल सकती चाहे मैं वचन दूँ या न दूँ। बताइए आप मुझसे क्या चाहते हैं ?"
मैंने सीमा का हाथ अपने सर पर रख कर कहा, "तुम मुझे वचन दो कि तुम कभी भी अनुभव से ना तो मिलोगी और ना उससे विवाह करोगी।"
सीमा ने बहुत कठिनाई से अपने आँसू रोके और यह कह कर उठ गई, "भैया आप जो चाहते हैं वही होगा।"

