Dr. Hafeez Uddin Ahmed Kirmani

Romance Tragedy

4.5  

Dr. Hafeez Uddin Ahmed Kirmani

Romance Tragedy

24 जून 2021

24 जून 2021

6 mins
346



चैट पढ़ने के बाद से मैंने अनुष्का को अपने कमरे में आने से मना कर रखा है इस लिए मुझे दवा देने के लिए या तो सीमा आती है या ममता भाभी आती हैं। आज ममता भाभी ने मुझे दवाएं दीं। दवाएं खिलाने के बाद भाभी ने बताया, "अनुष्का कल शाम से अपने कमरे से बाहर नहीं आई है। उसने कुछ खाया पिया भी नहीं है। वह बहुत परेशान है और रोए जा रही हैं। मेरे पूछने पर कुछ बता भी नहीं रही है। मैं उसके पास चाय लेकर गई थी लेकिन उसने वह भी नहीं पी। कहने की बात नहीं कि अनुभव ने उसे कल की अपने और मेरे बीच हुई सारी बातें बताईं होंगी और वह सारा राज़ खुल जाने से डरी हुई होगी।"

मैंने चैट उठाई, अनुष्का के कमरे में गया और बिस्तर पर बैठ गया। वह बिस्तर पर लेट कर किसी से बात कर रही थी। मुझे बिस्तर पर बैठते देख कर बोली, "आप कुर्सी पर बैठिए। बिस्तर पर बैठने से आपको कमज़ोरी हो जाएगी। मैंने उसके परामर्श की उपेक्षा करते हुए कहा, "अनुभव से तुम्हारी बात हो ही चुकी होगी।"

"मैं आपसे स्वयं बात करने वाली थी।"

"क्या अभी भी बात करने के लिए कुछ बचा है?"

"यदि पति पत्नी खुले मन से बात करने के लिए तयार हों तो ग़लतफ़हमी दूर करने की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।"

"यदि तथ्यों को झुठलाया जा सकता है तो ग़लतफ़हमी भी दूर की जा सकती है। लेकिन जहां तथ्य सूरज के समान आँखों को चौंधया रहें हों वहाँ ग़लतफ़हमी की गुंजाइश कहाँ?"

"चौंधयाई आँखों से तथ्य विकृत हो जाते हैं। मेरा विश्वास कीजिए मैंने दिल की गहराइयों से आप को चाहा है। आप मेरा पहला और अंतिम प्यार हैं। अनुभव से मेरा कोई संबंध नहीं है।"

"तुम कहना चाहती हो की चैट के सारे शब्द, सारे वाक्य झूठे हैं?"

"अनुभव से बात करने के बाद मैंने सारी चैट दोबारा पढ़ीं। पूरी चैट में एक भी शब्द या एक भी वाक्य ऐसा नहीं है जो आपत्तिजनक हो। यदि आपको मेरा अनुभव से मिलना अच्छा नहीं लगता था तो आप मना कर सकते थे। मैंने आज तक आप की कोई बात टाली है जो यह छोटी सी बात ना मानती?

आप पूर्वग्रह से कोई धारणा न बनाइये। बात कीजिए और ग़लतफ़हमी दूर कीजिए। यह हम लोगों के हित में है।"

"तुम हित की बात कर रही हो? मुझे मालूम है और मुझसे अधिक तुम्हें मालूम है कि मेरे जीवन के थोड़े ही दिन बचे हैं। डॉक्टर तो मुझे कुछ साल दे रहे हैं लेकिन मुझे कुछ महीनों का भी भरोसा नहीं है। मरने से पहले मैं तुम्हारे भविष्य को सुरक्षित कर जाना चाहता था। और सौरभ की उपस्थिति में मैंने इस बात का इशारा भी किया था। लेकिन तुम उठ कर चली गयीं क्योंकि तुम्हारे दिल में चोर था।"

"मैंने कोई चोरी वाला काम नहीं किया है।

"जिस व्यक्ति के निर्णयों का आधार शंकाएं और निराधार कल्पनाएं हों और जो ईर्ष्या से ग्रसित हो वह किसी का भविष्य क्या सुरक्षित करेगा। आप एक दो करोड़ रुपया मेरे नाम करने के अतिरिक्त और क्या करते। आप इतने दिनों में समझ गए होंगे कि मुझे पैसे की लालच कभी नहीं रही। मेरे पापा के पास आप से कम पैसा नहीं है। मेरी स्वयं की योग्यता इतनी है कि मैं अपनी आवश्यकता से कहीं अधिक धन अर्जित कर सकती हूँ। मैंने जीवन में केवल प्रेम चाहा था। और वह मुझे आप से मिल रहा था। मैं अपने जीवन से संतुष्ट थी। लेकिन अब पता चल गया कि मैं भ्रम में थी।"

"तुम सोच भी नहीं सकती हो कि मैंने तुम्हारे लिए क्या सोच रखा था।"

"अगर बताना उचित लगे तो बता दीजिए। वैसे मुझे आपका कोई एहसान नहीं लेना है।"

"अब मैं वह काम कर भी नहीं सकता हूँ क्योंकि तुमने और अनुभव ने उसके रास्ते स्वयं ही बंद कर दिए हैं। फिर भी सुन लो। अगर हालात सामान्य होते तो मैं सौरभ से कहता कि वह तुमसे शादी कर ले। लेकिन तुमने अपना भविष्य उज्ज्वल करने की तयारी मेरे मरने के पहले ही शुरू कर दी है।"

"मैं आपको विशाल हृदयी और व्यापक विचारों वाला प्रगतिशील व्यक्ति समझती थी किन्तु आप भी पत्नी के विषय में एक संकीर्ण सोच वाले पति निकले। आपकी इस विशाल हृदयता के पीछे जो रूढ़िवादी मानसिकता है उसे मैं भली भांति समझ सकती हूँ। आप आज भी पत्नी को अपनी संपत्ति समझते हैं। मुझे विवाह करना है या नहीं करना है और किस्से करना है, इसका निर्णय आप करना चाहते हैं।

मुझे कुछ दिनों से लग रहा था कि आप हम लोगों पर शक कर रहे हैं। लेकिन जब आपने मेरे और अनुभव के एक साथ कानपुर जाने पर आपत्ति नहीं की तो मुझे लगा आप मुझपर विश्वास करते हैं।

यदि आप मेरे शुभ चिंतक थे और आप को लगता था कि मैं अनुभव से प्रेम करती हूँ तो आपने मेरे और अनुभव के विवाह के विषय में क्यों नहीं सोचा? 

"अंततः दिल की बात ज़बान पर आ ही गई।"

"अब आप कुछ भी कहते रहिए। अनुभव मेरा एक अच्छा मित्र है इसके अतिरिक्त और कुछ भी नहीं। वह चरित्रवान और भावुक युवक है। आपने कल उसका बहुत अपमान किया। सीमा के संबंध में आप के अंतिम निर्णय से वह बहुत दुखी था।

"अगर तुम्हारे और अनुभव के संबंध ना होते तो सीमा और अनुभव की शादी हो जाती। लेकिन तुमने बस अपना स्वार्थ देखा। तुमने चैट में ख़ुद ही माना है कि तुम इन दोनों की शादी इस लिए चाहती हो ताकि तुम दोनों पर संदेह समाप्त हो जाए।"

"यदि आपको हर बात के उलटे मतलब निकालना है तो मुझे आपसे और कुछ नहीं कहना है। जब आपने मुझपर चरित्रहीनता का ही आरोप लगा दिया है तो अब बच ही क्या है। जो चाहिए कहते रहिए। जहां मुर्दे पर एक मन मिट्टी वहाँ सौ मन मिट्टी।"

"जब हम लोग स्टोर में गए थे तो तुम्हारा हेयर-बैंड मिला था। इसके बारे में भी कुछ कहना है?"

"मैं आप की बात समझ नहीं पा रही हूँ। आप कैसी बहकी बहकी बातें कर रहे हैं। हेयर-बैंड का इन बातों से क्या मतलब?"

"आज से मेरा तुम्हारा कोई संबंध नहीं। अलग होने के लिए तुम्हें जिन कागज़ात पर हस्ताक्षर चाहिये हों ले लो। और जितनी जल्दी हो सके यह घर ख़ाली कर दो मैं तुम्हारी सूरत भी नहीं देखना चाहता। मैं यह सब बातें तुम्हारे घर वालों को भी बताऊँगा। उन्हें भी पता चल जाए की उन्होंने कैसी संतान पैदा की है।"


भाभी ने बताया की सीमा घर छोड़ कर अपनी मौसी के यहाँ जा रही थी। लेकिन उन्होंने समझ बुझा कर उसे राहत के घर पहुंचाया दिया।

रात के ग्यारह बजे सौरभ का फ़ोन आया। उसने बताया कि सौरभ सुबह घर से निकला था और अभी तक वापस नहीं आया है। वह अपना मोबाईल अन्लाक करके घर ही पर छोड़ गया है। जहां जहां उसके जाने की संभावना थी वहाँ वहाँ पता कर लिया है।"

मैंने पूछा, "तुमने राहत को बताया?"

"हाँ। राहत उसे ढूंढने के लिए निकल चुका है।"

सौरभ ने अभी फ़ोन करके पूछा है कि मेरी अनुभव से क्या बात हुई थी। मैंने उसको ऐसी कोई बात नहीं बताई जिससे उसे लगे कि मैंने उसे बेइज्जत किया है। लेकिन उसकी यह बात सुनकर दंग रह गया जब उसने कहा कि तुम्हें उसे सबके सामने बेइज़्ज़त नहीं करना चाहिए था। मैंने उससे कहा कि मैंने उससे अकेले में बात की थी तो उसने कहा कि नहीं तुम ज़ोर ज़ोर से बोल रहे थे और सीमा और ममता भाभी सब सुन भी रहे थे और देख भी रहे थे। मैं पहले ही तुम्हें बात चुका था कि वह बहुत संवेदनशील है।

अनुभव के लापता होने के समाचार ने मुझे घोर संकट में डाल दिया है।


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