कभी नहीं, इस शरीर में प्राण रहते कभी नहींं।" कभी नहीं, इस शरीर में प्राण रहते कभी नहींं।"
"पंडित जी...कभी कभी ज़िंदा रहने को कुछ गलतफहमियाँ ज़रूरी होती हैं।" "पंडित जी...कभी कभी ज़िंदा रहने को कुछ गलतफहमियाँ ज़रूरी होती हैं।"
कई बार हम बिना सच जाने गलतफहमियों के शिकार हो जाते हैं और हमारे रिश्तों पर इस का बहुत ही गलत असर पड़... कई बार हम बिना सच जाने गलतफहमियों के शिकार हो जाते हैं और हमारे रिश्तों पर इस का...
सरे दिन सुबह वापस उसको कुतूहल हुआ और उसने खिड़की और दरवाजा खोला, सरे दिन सुबह वापस उसको कुतूहल हुआ और उसने खिड़की और दरवाजा खोला,
दोनों को इस बात का पता नहीं था दोनों उससे प्यार करते थे दोनों को इस बात का पता नहीं था दोनों उससे प्यार करते थे
अगर कारण ही बनना है तो रिश्तों को जोड़ने का कारण बनो, तोड़ने का नहीं। अगर कारण ही बनना है तो रिश्तों को जोड़ने का कारण बनो, तोड़ने का नहीं।