26 जून 2021
26 जून 2021
पाँच बजे हम लोग अस्पताल पहुँच गए। सीमा, शहला, अनिल, भय्या, राहत और सौरभ साथ थे। राहत ने कहा, "भय्या, अनुष्का भाभी भी आना चाहती हैं। उनको बुला लूँ।"
मैंने कहा, "अगर तुम लोग नहीं चाहते हो कि मैं ख़ुश ख़ुश ऑपरेशन थिएटर में जाऊँ तो उसे ज़रूर बुला लो।"
छै बजे मैं ओ.टी. में गया था और बारह बजे प्राइवेट वार्ड में सब से हंस बोल रहा था। डॉक्टर बहुत ख़ुश थे। ऑपरेशन सफल रहा है। कल दोपहर तक ऑब्ज़र्वेशन में रहना है। उसके बाद घर चला जाऊंगा।
आज मेरा विश्वास सही निकला कि यदि आदमी के पास पैसा हो, तकनीक हो और डॉक्टर अच्छा हो और तो मनुष्य जीवन भी ख़रीद सकता है। सब मिल कर आज के ऑपरेशन पर मेरा पचास लाख ख़र्च हुआ लेकिन अब मैं लंबे समय तक जीवित रह सकूँगा।
डॉक्टर ने दस दिनों तक थोड़ी सावधानी बरतने के लिए कहा है। सब से अधिक सावधानी बैटरी को लेकर है। हर महीने बैटरी बदली जाएगी। मेन बैटरी और बैक-अप बैटरी में से एक समय में एक ही बैटरी बदली जा सकती है। यदि किसी कारण दोनों बैटरियां निकल गईं तो सारे शरीर का खून एक मिनट में जम जाएगा। ऐसी स्थिति के लिए डॉक्टर ने एक इन्जेक्शन लिखा है और उसे हर समय साथ रखने के लिए कहा है। यह इन्जेक्शन आधे घंटे तक खून को जमने से रोक सकता है।
रात को शहला, बिरजीस आंटी और ममता भाभी आईं। शहला सीमा के पास चली गई। बिरजीस आंटी और ममता भाभी अनुष्का को वापस बुलाने के लिए कहने लगीं।
बिरजीस आंटी ने कहा, "अनुष्का को अनुभव से बात करने का पछतावा है। वह कहती है कि अगर उसे थोड़ा सा भी लगता कि अनुभव से हंस बोल कर बात करने का इतना गंदा अर्थ निकाला जाएगा तो मैं कभी उनसे बात ना करती। अब वह कभी उससे बात नहीं करेगी। मुझे भी उसकी बातों से लगता है कि वह बहुत दुखी है और उसका दिल साफ़ है।"
मैंने कहा, "आप यह देखिए उसके कारण परिवार की कितनी बदनामी हो रही है।"
भाभी बोलीं, "बदनामी तो तब होगी जब कोर्ट कचहरी होगा और सब को पता चलेगा कि तुम दोनों कानूनी तौर पर अलग हो रहे हो। हमारे परिवार में कभी किसी ने किसी को तलाक़ नहीं दी है।"
भाभी ने आगे कहा, "तुमने सीमा को अपने सर की क़सम देकर ठीक नहीं किया। उसके बाद उसकी हालत पागलों जैसी हो गई है। तुम्हें पता है अनुभव का का वीज़ा आने वाला है। दोनों यू.एस. चले जाएंगे। रहा सहा भय भी दूर हो जाएगा।
बिरजीस आंटी ने चेतावनी देते हुए कहा, "आज तीसरा दिन है। अनुभव का कुछ पता नहीं है। सौरभ ने हर मुमकिन जगह उसकी तलाश कर ली लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल रहा है। राहत ने उसको ढूंढने के लिए तीन टीमें बना दी हैं। कहीं वह कोई बेक़ूफ़ी तो नहीं कर बैठा है। सीमा की कच्ची उम्र है, मुझे डर है कि वह कहीं जज़्बात में बह कर कोई उलटी सीधी हरकत ना कर बैठे।"
मैं दोनों में से किसी की भी बात नहीं टाल सकता था। इसके अतिरिक्त मैं बिरजीस आंटी की बातों से डर भी गया था। मैं स्थितियाँ संभालना चाहता था। अनुभव को ढूंढने के लिए मैं किसी भी हद तक पैसा ख़र्च करने को तयार हूँ। लेकिन कहाँ करूं, कैसे करूं?
मैंने बिरजीस आंटी से कहा, "आंटी कल अनुष्का को भेज दीजिएगा।"
आंटी ने कहा, "मैं उसे ख़ुद ही लेकर आऊँगी।