Dr. Hafeez Uddin Ahmed Kirmani

Tragedy

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Dr. Hafeez Uddin Ahmed Kirmani

Tragedy

30 जून 2021:

30 जून 2021:

2 mins
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मैं पूरे घर का चक्कर लगा कर आ रहा हूँ।भय्या के कमरे में तीन अस्थि कलश रखे हैं।भय्या औंधे मुंह अपने बिस्तर पर पड़े हैं। पता नहीं कितना तकिया भीगा है।सौरभ भी आया हुआ है। वह भाभी के पास बैठा है। ममता भाभी बिरजीस आंटी के कंधे पर सर रखे हुए हैं।अनिल के चेहरे पर आँसुओं की लकीरें हैं। बरामदे में मोबाईल लेकर अपने दोस्तों की जिज्ञासाओं को शांत कर रहा है। अभी कुछ क्षण पहले ही मैंने उसे गले लगाया है। शहला के आँसू नहीं थम रहे हैं मैंने उसका माथा चूमा तो बचे खुचे आँसू भी उबल पड़े। 

मैं स्टोर में आ गया हूँ।आज मुझे बहुत प्रसन्न होना चाहिए क्योंकि मेरी सारी इच्छाएं पूरी हो गईं हैं। वह भी तीन चार दिनों के भीतर।मैं अनुष्का की शक्ल नहीं देखना चाहता था चलो अब वह कभी भी अपनी शक्ल नहीं दिखा पाएगी।मैं नहीं चाहता था कि अनुष्का अनुभव से मिले अब वह कभी अनुभव से नहीं मिलेगी। मेरी इच्छा पूरी हूई।मैं नहीं चाहता था कि अनुभव मेरे घर आए। कितनी प्रसन्नता कि बात है कि अब वह कभी मेरे घर नहीं आएगा। ।मैं नहीं चाहता था की सीमा और अनुभव एक दूसरे से मिलें तो अब वह बिल्कुल नहीं मिलेंगे।मैं नहीं चाहता था कि सीमा और अनुभव का विवाह हो, तो अब वह नहीं होगा, शुक्र है मेरी यह बात भी पूरी हुई।

मनुष्य को लालची नहीं होना चाहिए। जिसकी इतनी ढेर सारी इच्छाएं पूरी हो गयीं हों उसे और अधिक इच्छाओं की इच्छा ही नहीं करना चाहिए।और बिना इच्छा के जीवन कैसा?

काग़ज़ क़लम मेरे हाथ में हैं। जीवन की डायरी का अंतिम पन्ना लिख रहा हूँ। मैंने इ.डी.डी. की मेन बैटरी निकाल ली है। वार्निंग बीप पूरी तेज़ी से बजने लगी है। बैक-अप बैटरी निकालने के बाद एक मिनट में क्या होगा मुझे नहीं मालूम। डॉक्टर ने कहा था कि एक मिनट में शरीर का सारा ख़ून जम जाएगा। देखें क्या होता है। बैक-अप बैटरी भी निकाल ली है। आँखों के आगे अंधेरा.........


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