STORYMIRROR

sargam Bhatt

Drama Romance Thriller

4  

sargam Bhatt

Drama Romance Thriller

यूं ही ना मुझ को

यूं ही ना मुझ को

1 min
290

मैं रह नहीं पाती हूं तेरे बिना,

यूं ही छोड़कर मुझको न जाया कीजिए।


मेरा जुड़ा है एक अनकहा सा रिश्ता,

यूं ही न मुझको सताया कीजिए।


मेरी उम्मीदों का सफर है तू,

यूं ही न मुझको रुलाया कीजिए।


तू है मेरे जिंदगी की रोशनी,

यूं ही न दीपक बुझाया कीजिए।


तू है मेरे किस्मत की दो आंखें,

यूं ही मुझको रास्ता दिखाया कीजिए।


मैं भूल जाऊं अगर जिंदगी में कुछ भी,

तो मुझको तुम्ही याद दिलाया कीजिए।


ए जिंदगी कितनी मुश्किल भरी है,

तुम मुश्किलों का ही सफाया कीजिए।


मिल जाएगी मुझे मंजिल एक दिन,

सिर्फ तुम मेरी हिम्मत को बढ़ाया कीजिए।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama