यह नई सुबह
यह नई सुबह
हिलोर ले रही है उमंग
छनक रहे हर्षित तरंग
रश्मि बदलती अपना रंग
वाह सुबह यह नई नई है
अहा, नववर्ष की अज़ान सजी है।।
कल्लोल करते खग मलंग
खनक रहे ताल प्रकृति संग
बज उठे झाल और मृदंग
वाह सुबह यह नई नई है
अहा, नववर्ष की अज़ान सजी है।।
लहराए हँसी कर रही दंग
बदल रहे सुर अब अलंग
सज रही धरा जैसे अनंग
वाह सुबह यह नई नई है
अहा, नववर्ष की अज़ान सजी है।।
हसरतें थिरकती सर्व अंग
मचल रहा मन जैसे सारंग
सरसराती पवन संग आह्लाद पंख
वाह सुबह यह नई नई है
अहा, नववर्ष की अज़ान सजी है।।
मुबारक सबको यह नववर्ष
बसेरा में हर फैला रहे हर्ष
सिर सदके झुका, कर समर्पित सर्व
अरदास आज एक यही रब
उल्लास से भर दे इस वर्ष झोली सब।।