ये वज़ूद अच्छे इंसान का
ये वज़ूद अच्छे इंसान का
मत ले इम्तिहान अच्छे इंसान का वो तो पारे के समान होता है
जब तक आपकी जिंदगी में है आपके हर गुस्से के तापमान को ढोता है
कब तक देते रहोगे उसको चोट इतनी वो तो टूटने का नाम नहीं लेगा
चुपचाप फिसल कर निकल जायेगा जिंदगी से तेरी
फिर क्या तेरा हर राह सुनसान सा होगा
वो तो होगा पर तेरा उसके वज़ूद में नामोनिशां नहीं होगा
ये वज़ूद अच्छे इंसान का
मत हो मगरूर अपने गुरूर में इतना एक दिन ये भी चकनाचूर होगा
ये ख़ासियत अच्छे इंसान कि उसका सुरूर तुझको एक दिन जरूर होगा
पर क्या पता तेरे मुकद्दर में उसकी यादों के गुलदस्ते बचे
क्योंकि तब तक वो किसी और का हंसनूर होगा
ये वज़ूद अच्छे इंसान का
मत कर जुल्म उस पर इतना वो तो तेरी हर आंधी तूफ़ान झेल लेगा
एक दिन छोड़ जायेगा तुझे गुमनामी के साये में
क्या तू उसकी इस सुनामी से भी खेल लेगा
मुमकिन नहीं लगता तू ऐसा कर पायेगा
वो तो जिधर भी जायेगा जीत लेगा सबको और ये ज़माना उसी के गीत गाएगा
ये वज़ूद अच्छे इंसान का
मत कर गुनाह तू उस इंसान का जिसने दिल चिर कर रख दिया
तेरी तक़दीर में देख - देख रोयेगा तू उसे तस्वीर में पूछेगा खुद से
क्या ये वही इंसान है जिसने हर दुआओं में मेरा साथ माँगा पछतायेगा बड़ा
फिर क्या फ़ायदा जब तूने तोड़ दिया उससे हर किया वायदा
वो तो फिर भी वायदा खिलाफी नहीं कर पायेगा जीते जी भी
अपनी हर सांस तेरे नाम कर जायेगा
ये वज़ूद अच्छे इंसान का
मत दे तू ज़हर उस इंसान को जिसने तेरा हर कहर सहा होगा
उसके हर पहर में तेरा जिक्र उसमें भी तेरा फ़िक्र रहा होगा
अब तो तेरे शहर के सफरनामे में तेरा ऐसा हमसफ़र ना होगा
फिर क्या तेरी आँखों के ऐसे मंजर में एक रोता सा समंदर होगा
पी जायेगा वो तेरे इस समंदर को भी वो तो तेरा मुकद्दर होगा
ये वज़ूद अच्छे इंसान का।