"ये प्यार "
"ये प्यार "
"धरा पे गिर जाती है कभी कभी बारिश बन कर,
छलक जाती है कभी कभी आँखों से ख्वाहिश बन कर ,
फलक से भेजा है किसी ने तुझे एक प्यारी सी दुआ बना कर,
जी करता है तुझे छुपा लू खुद में खता बना कर ।
आँखों को तसल्ली मिलती है तेरे बस एक झलक के दीदार से,
बस एक ही दुआ है हमारी के तू भी देख ले हमे कभी प्यार से,
तरदापने में जो सुकून है वो पा लेने में कहाँ।
एक तरफ़ा मोहब्बत की ताकत ही कुछ और होती है,
या तो आबाद कर देती है या तो बर्बाद कर देती है,
कभी किसी मजनू को खुदा की इनायत बना देती है,
तो कभी किसी हीर की इनायत को मोहब्बत बना देती है।
ये राहें कभी कभी अजीब मोड़ ले लेते है,
कभी मंजिल तक पंहुचा देते है,
तो कभी राहों में ही भटका देते है,
तो कभी रास्ते में हमसफर से मिलवा देते है"।