क्या झूठ लिखू क्या सच लिखूं
क्या झूठ लिखू क्या सच लिखूं
जो झूठ लिखूं तो तुझे अपना लिख दूँ,
जो सच लिखूं तो खुद को तेरा लिख दू,
जो साथ रहूं तो बस तेरा हो कर,
जो दूर रहूं तो बस तेरी यादों का हो कर,
जो जियूं तो तेरा हाथ थाम कर,
जो मृत तो तेरी परछाई बन कर,
जो प्रेम लिखूं तो तेरा नाम ले कर,
जो जीवन लिखूं तो हमारा नाम दे कर।

