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Akanksha Kumari

Abstract Romance Tragedy

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Akanksha Kumari

Abstract Romance Tragedy

क्या झूठ लिखू क्या सच लिखूं

क्या झूठ लिखू क्या सच लिखूं

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जो झूठ लिखूं तो तुझे अपना लिख दूँ,

जो सच लिखूं तो खुद को तेरा लिख दू,


जो साथ रहूं तो बस तेरा हो कर,

जो दूर रहूं तो बस तेरी यादों का हो कर,


जो जियूं तो तेरा हाथ थाम कर,

जो मृत तो तेरी परछाई बन कर,


जो प्रेम लिखूं तो तेरा नाम ले कर,

जो जीवन लिखूं तो हमारा नाम दे कर।


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