ओ री चिरायियां
ओ री चिरायियां
ओ री चिरायियां,
अब तू अपनी ढाल बन,
छोर दूसरों पे आश्रित रहना,
अरे अब बस,
अब तू खुद अपनी तलवार बन ||1||
ओ री चिरायियाँ,
खुद हथियार उठा,
शेर की दहाड़ बन,
अरे अब बस,
अब तू खुद अपनी ढाल बन ||2||
ओ री चिरायियां,
न आएंगे तुझे कृष्ण बचाने,
तू खुद इंसाफ की ललकार बन,
शस्त्र उठा तू खुद अपनी पहरेदार बन ||3||
ओ री चिरायियां,
अब तू अपनी ढाल बन,
छोड़ दूसरों पे आश्रित रहना,
अब तू खुद अपनी तलवार बन ||4||
