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Prateek Tiwari (तलाश)

Drama Inspirational Tragedy

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Prateek Tiwari (तलाश)

Drama Inspirational Tragedy

ये जो चुनरी में दाग़ है

ये जो चुनरी में दाग़ है

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ये जो चुनरी में दाग़ है

क्यूँ छुपाती फिरती हो ।

मोती जैसे आँसुओ से

ख़ुद को भिगाती फिरती हो ।


इस दाग़ के

हिस्सेदार हैं बहुत

इस दाग़ के

किस्सेदार हैं बहुत

फिर क्यूँ सिर्फ़ ख़ुद को

रुलाती फिरती हो ।


जग को बता दो

क्यूँ तुम जैसा ना दूजा

क्यों हो तुम दुर्गा

क्यों जाता तुम्हें पूजा

अबला हो तुम

- ये क्यूँ जताती फिरती हो ।


आओ ! लड़ो,

मत डरो,

ये समर है तुम्हारा !


सुना दो इस जग को,

ये घमर है तुम्हारा !

गिरी हुई इस दुनिया में

क्यूँ ख़ुद को गिराती फिरती हो ।

ये जो चुनरी में दाग़ है

क्यूँ छुपाती फिरती हो...!


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