ये इश्क की राह
ये इश्क की राह


ये इश्क राह दो धारी तलवार है यारों
जिसे हो जाए वो जान से जाये
देखे तो तड़पे ना देखे तो तड़पे
दिखे तो तरसे न दिखे तो तरसाए।
ये इश्क राह दो धारी तलवार है यारों
जिसे हो जाए वो जान से जाये
भावना के डोर से बंधे चले आते हैं
भागते हैं दिन रात पीछे जागते सोते
हसीन ख्वाब के मोह में छले जाते हैं।
हरदम खुद से शिकवे गिले और आंसू
मिले आंख भर आए ना मिले तो आंख भर आए
ये इश्क राह दो धारी तलवार है यारों
जिसे हो जाए वो जान से जाये।