ये बेटियाँ
ये बेटियाँ
ना किसी ने मांगी दुआ..
ना ही कोई व्रत रखा..
फिर भी दुनिया में आती है बेटियां ..
मायका और ससुराल दोनों महकाती है बेटियां..
दो-दो घरों की होने के बाद भी...
बेघर रह जाती हैं बेटियां ..
पूरा परिवार संभालने के बाद ...
खुद को अकेला पाती है बेटियां ..
कई प्रश्न होते हैं मन में अधूरे ...
जिन्हें पूछने से कतराती हैं बेटियां...
टूटे हो सपने चाहे उनके कितने ..
फिर भी हर पल मुस्कुराती है बेटियां
दूसरों की तनहाई को तो ....
कर देती है पल में दूर
पर अक्सर दुनिया में तन्हा रह जाती है बेटियां