STORYMIRROR

Neha Bhanot

Abstract

4  

Neha Bhanot

Abstract

#इंतजार एक बहु का

#इंतजार एक बहु का

1 min
250

इंतजार है मुझे

ससुराल में भी

मायके जैसा प्यार मिले

 सासू मां की नजरों में

 मां जैसा दुलार मिले


 कुछ पल जी सकूं मैं अपनी मर्जी के 

हर वक्त न मुझे जिम्मेदारियों

का एहसास मिले

 कभी तो जागू मैं अपनी मर्जी से

और पिया के हाथ में

चाय का कप तैयार मिले 


मुझे भी मिले कुछ फुर्सत के क्षण

सखियों संग बिताने को 

ना हर वक्त कोई न कोई काम तैयार

मिले  इंतजार है मुझे

 बस इंतजार हैं मुझे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract