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Neha Bhanot

Tragedy

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Neha Bhanot

Tragedy

प्रश्न एक औरत के

प्रश्न एक औरत के

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जमाने के सारे प्रश्न सिर्फ मेरे हिस्से में आए

बच्चों की गलती का इल्जाम भी 

मेरे सर लग जाए...

घर पर रहती हूं मैं आराम से 

यह कहा भी जाए ...।

अगर मैं जाऊं कमाने तो 

क्या तुम्हारा घर चल पाए 

अपने बच्चों की खातिर मैं

सब कुछ सह जाती हूं 

डर नहीं मुझे किसी का फिर भी 

सबकी बातें सुन जाती हूं 

पूछ रही हूं तुमसे एक प्रश्न

क्या सारा मेरा खर्चा है 

तुम घर में कमाते हो और मैं बैठी हूं आराम से

हर तरफ यह चर्चा है....।


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