ये आंखें
ये आंखें
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नही ये आंखें
मेरे देश की नही हैं।
मेरे देश की आंखों में
शर्म लाज का भाव है
चंचल इधर-ऊधर भटकती
दूसरे देशों की ओर मटकती
नही ये आंखें
मेरे देश की नही हैं।
पलकें झुकी-झुकी सी
निगाहें एक जगह रूकी-सी
आंखों में एक अनोखी चमक
बड़ों की इज्जत की कसक
हां ये आंखें ही
मेरे देश की आंखें हैं।