यौवन तेरा वो अमृत है।
यौवन तेरा वो अमृत है।
प्रियतम तुम जीवन ज्योति हो।
नयनों में बस, तुम्ही बसी हो।
सुंदरता पर जग बलिहारी,
कामदेव की, तुम्ही रति हो।
मृगनयनी यौवन रसिका तुम,
कोमल कपोल, मन बसिका तुम।
मादकता से ओतप्रोत और
रूप रंग की हो, मलिका तुम।
चाल पे हिरणी भी मोहित है
काजल आँखों में शोभित है।
भँवरे जिसको पीना चाहें
यौवन तेरा वो अमृत है।

