यार हम फिर मारे जाएँगे
यार हम फिर मारे जाएँगे
एक दो और हसरतें पाल लिए जाएँगे
ऐसा लगता है यार हम दुबारा जी लिए जाएँगे
रकीब के लब चूम उसने दे दी मंजूरी हमें यूँ
यार जश्न में तो अब महंगी शराब पीये जाएँगे
मुहब्बत थी कहां उससे हमें कभी
वो बेवजह ही गलतफहमी पालते हुए रह जाएँगे
मुस्कुरा कर वो देख और अदा बिखेरती है हुस्न के बाजारों में
जाओ जाओ अब हम कहां इस पे अपने दिल को हारेंगे
और इक लड़की की ग़जल बड़ी दिल को छू रही आजकल ख्वाबों में
लगता है पहली नजर में हम यूँ फिर से मारे जाएँगे ....