यादों के गलियारे से
यादों के गलियारे से
अक्सर बहाने से चली आती हूँ
मैं यादों के गलियारे में
कुछ हसीन से वक़्त
चुरा कर सजा रखे हैं
इस गलियारे में
मेरे तगेरे वो संग की
रूमानी सी वो छाँव
तेरे रूठने पर बिखरी सी
ज़िन्दगी की वो धूप
मेरे रूठने पर तुम्हारे
मनाने की वो
मासूम सी कोशिशें
मेरे आंसुओं को
पने पलको में
छुपाने की वो चाह
ये सब है मेरे
यादों के गलियारे में
प्यार की बरसात में
भीगने की वो रातें
भीगी जुल्फों से
तेरे चेहरे को
ढकने की वो चाहते
खिलखिला कर
सीने में छुपने की
वो मीठी बदमाशियां
कितने दिलकश नज़ारों से
रोशन है ये मेरा गलियारा
तभी तो
अकसर बहाने से
चली आती हूँ मैं
अपने यादों के गलियारे में

