यादें
यादें
कुछ यादें सिगरेट की
राख की तरह होती है
बस जरा सा झटकते ही गिरकर
आँखों के साथ साथ दिमाग
से भी ओझल हो जाती है
कुछ यादें सुलगती हुई
गीली लकड़ी की राख के जैसी होती है
बस गिरती रहती है धीरे धीरे
और सुलगती रहती है दिल में
बिलकुल गीली लकड़ी की तरह.....