यादें
यादें
मुझे भूलता नहीं वो शख्स मुझको वो मेरी दुनिया दिखा।
शिव के बहाने शिव उसने मेरा नाम जो हर जगह लिखा।।
इक बार देखा क्या लिया था उसको मुस्कुराते हुए सामने
उसके बाद कोई दूसरा मेरी इन आँखों को हसीन न दिखा।
बारिश अगर न हो सावन में मौसम रूखे रूखे लगते है जैसे
मन बेचैन, और छाई उदासी जब वो मेरी आँखों में न दिखा।
इक दिन आया सैलाब उसकी यादों का, में गया उसमें डूब।
मुझे वर्षों हो गए हैं मगर अभी तक मुझे निकलने का रास्ता न दिखा।