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shiv pandey

Inspirational

4  

shiv pandey

Inspirational

पिता ( संघर्ष )

पिता ( संघर्ष )

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मुझे नहीं मिलते वो शब्द,

जिनसे मैं अपने प्रेम को व्यक्त कर सकूँ अपने पिता के प्रति... 

मुझे नहीं मिलते वो लफ्ज़, 

जिसे मैं अपने प्रेम को व्यक्त कर सकूँ अपने पिता के प्रति... 

लिखता जब भी उनके बारे में, बोल पड़ती थी कलम भी... 

पूछ कोई क्या होता है संघर्ष? लिखना पिता और देना छोड़... 

इससे बड़ा प्रमाण नहीं मिलेगा प्रेम व्यक्त करने का अपने पिता के प्रति...

कभी धूप में, तो कभी छाव में, कभी बारिश में, तो कभी नंगे पाँव में जाते अपने काम पर... 

मेरी न कोई पहचान थी, पर जाऊँ कहीं भी बन जाती पहचान सिर्फ पापा के नाम पर... 

कभी न हुई कमी किसी चीज की जब पड़े जरूरत जाऊँ दुकान मिल जाता सब पापा के नाम पर... 

पापा तो करते हैं जितना उनसे होता है, मगर अब बारी हमारी की करे कुछ पापा के नाम पर... 

करूँगा ऐसा काम की हो जाएं गर्व से पापा का सीना चौड़ा, बस जाना जाऊँ में पापा के नाम पर... 



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