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shiv pandey

Others

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shiv pandey

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बारिशें हो तो...!!

बारिशें हो तो...!!

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बारिशें हों तो भीग जाया कर

खुद को इतना न बचाया कर


तुझे हर कोई चाँद नहीं कहेगा

मेकप का खर्चा न कराया कर 


खुद की गलती भी मान कभी

हर बात पे आँसु न बहाया कर 


इन हसीं ओठों का क्या करेगी

बातों बातों मे भी मुस्कुराया कर


धूप को क्यों करती हो मायूस तुम

छत पर कपड़े सुखाने आया कर


ठहर कुछ पल धूप में मेरे लिए

मेरी नज़रों से नजरें मिलाया कर


माना देखता हूँ तूझे बेवजह मै 

ये बात सखी को न बताया कर


तेरे लिए जाता हूँ मंदिर हर दिन 

तू भी मेरे साथ मंदिर आया कर


तेरे लिए मानाता हूँ भगवान को

मेरे लिए तू भोले को मनाया कर


तू न लगा दिल भले ही मुझसे

कम से कम हाथ तो मिलाया कर।


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