Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Shivangi Verma

Drama Action Others

4  

Shivangi Verma

Drama Action Others

व्यस्त

व्यस्त

1 min
349


मन हल्का करूँ तुझसे दो बात करके

रहा नहीं वक्त किसी के पास ऐसे हालात करके

है सूकूं बस तुझको ही एहसास करके 

ले चल मुझे भी दूर एक मुलाकात करके।।


कोई उंगलियाँ फेरते ही रह जाता है

सोच कर उनका खयाल मन में गुम जाता है

लफ्जों को वक्त नहीं बयां करने की

ये सोच कर ही वह कितना वक्त गवाता है।।


रह गयी याद गुमनाम ऐसे खयालात करके

रहा नहीं वक्त किसी के पास ऐसे हालात करके..


अब सबके अपने ही बनाये दायरे हैं

वक्त है फिर भी वक्त नहीं ऐसे पेश आए हैं

जमाना बीत गया है, सब समझते हैं

पर दिल तो वही है, उसकी दशा क्यूं छिपाए है।।


बंद कमरे में ही रह गया तू अपने ज़जबात ले के

रहा नहीं वक्त किसी के पास ऐसे हालात करके...



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama