राज़ी
राज़ी
देख लूं एक बार तुझे बस इतना ही काफी है
बोलना मेरे सुकून तू कब, मेरे लिए राज़ी है ।।
एहसासों में, रातों में, मेरी तन्हाई में
तेरा ही जी कर है मेरी हर अंगड़ाई में।।
इंतजार, ख्याल, और ख्याल में ही खोये रहना ,
कुछ इस तरह तूने मेरी नींदे उड़ाई हैं।।
उलझन है, कारण हैं, दुनिया से डर है
एक तेरे होने से फिर कोई नही फिकर है।।
वो जगह, करू दुआ, मिले हर बारी,
रहे सुकून फिर कोई नही चिंता हमारी।।
देख लूं एक बार तुझे बस इतना ही काफी है
बोल ना मेरे सुकून तू कब, मेरे लिए राज़ी है।।

