"जिंदगी"
"जिंदगी"
तुझ पे है.. भरोसा ये खुदा, मेरे खुदा
क्या है गलत ,क्या है ..सही, मुझको दे तू बता।
खो सा गया है कहीं मन मेरा
वापस ला दे इसको यहां,
सोच में पागल सा रोए ये मन
इसको क्या है पता।
तुझ पे है.. भरोसा ये खुदा ,मेरे खुदा
क्या है गलत, क्या है.. सही, मुझको दे तू बता।
बेवजह के आंसू हैं
नासमझ सा दिल,
फिकर किस बात की है
डरता क्यूं है दिल.....
मिल, आ..के मिल ना..
ये खुदा ,मेरे खुदा
क्या है गलत, क्या है.. सही,
मुझको दे तू बता
दे..... दे नसीहत
रहूं मैं.. भी सलामत,
क्षमता.. हो लड़ने की
बस इतनी सी है चाहत।
निकल जाऊं प्यार से मुश्किल की उस घड़ी से
क्या सही है क्या गलत ना फिकर किसी की
या...द है ना..
ना या..द कुछ करना,
जीना है तो जी ले
खुद से ही क्यूं लड़ना।।
तुझ पे है भरोसा ये खुदा मेरे खुदा.....
