गुमनाम मुस्कुराहट
गुमनाम मुस्कुराहट
गुमनाम है फिर भी क्यूं बदनाम है
चली गई पर अब भी कहीं निशान है
ढूँढना, मुश्किल नहीं आसान है
देखना, वो पागल नहीं नादान है ।।
गम से भरा चेहरा है पर हंसाता है
लटके हुए चेहरों में खुशियां लाता है
है भीड़ में फिर भी अकेला पाता है
वो गुमनाम है पर सबकी दुनिया सजाता है
आहट से उसकी होती तो घबराहट है
पर देख कर दिल खुशनुमा हो जाता है
है हल्का सा पर दर्द सभी भुलाता है
देखी है क्या वो हल्की सी हँसी
जिस पर दिल भी फिदा हो जाता है।।।
गुमनाम है पर भी क्यूं बदनाम है।।