STORYMIRROR

DrKavi Nirmal

Drama

2  

DrKavi Nirmal

Drama

वसंत ऋतु का सुस्वागत

वसंत ऋतु का सुस्वागत

1 min
149

"फलिष्यतीति विश्वास:

सिध्देर्प्रथमलक्षणं"


मैं अपने उद्देश्य में

अवश्य ही सफल होऊँगा।


दृड़ निश्चय है सफलता 

अवश्य पाऊँगा।


अध्यात्मिक साधक का

यह अटल विश्वास।


अहेतुकी कृपा सद्गुरु की

मुझ पर है खास।


पतझड़ झेल पार हुआ,

वसंत ऋतु है आस पास।


कर्तव्यनिष्ठ हूँ स्वाभिमानी,

करना नहीं निराश।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama