यादें बचपन की
यादें बचपन की
वह उछल-कूद बचपन की।
लक्ष्य मात्र गति, रस्सी की।
कूद कूद कर, गणना करना।
पैरों तले जाए, ध्यान रखना।
आओ सखियों, रस्सी नचाओ।
कुछ अपने, करतब दिखाओ।
उछल उछल कर के व्यायाम।
खेल-कूद मनोरंजन- अंजाम।
पैरों संग हाथों को, चला कर।
संतुलित परिश्रम, दिखा कर।
समय खेल में, गुजरता जाए।
तरुणाई चल आई, तो शर्माए।
समय मिले नहीं, गृह कार्य से।
भय लगे शिक्षक की, डांट से।
पढ़ लिख कर, आगे बढ़ना।
एस. पी.-कलक्टर है बनना।
मां जब तब, यह समझाती।
मैं हूं लड़की, वह बतलाती।
