मैं अकिंचन जन्मजात् सस्कारों से सिंचित एक कवि मन हूँ ज्ञानकोष संकुचित परन्तु वृहत मन का स्वामि मैं हूँ निर्मल
जाने लगा है, प्रकृतिक नियम एकीकृत स्थिति के रूप में रहस्य हैं। जाने लगा है, प्रकृतिक नियम एकीकृत स्थिति के रूप में रहस्य हैं।
महिमा पा तन का आकार अति वृहत कर सर्वत्र छा जाओ। महिमा पा तन का आकार अति वृहत कर सर्वत्र छा जाओ।
आओ सखियों, रस्सी नचाओ। कुछ अपने, करतब दिखाओ। आओ सखियों, रस्सी नचाओ। कुछ अपने, करतब दिखाओ।
मौली को हाथ की कलाई- गले- कमर में बांधा जाए। मौली को हाथ की कलाई- गले- कमर में बांधा जाए।
'आज्ञा चक्र' ज्ञान का चक्र है। चक्र भौंहों मध्य अवस्थित है। 'आज्ञा चक्र' ज्ञान का चक्र है। चक्र भौंहों मध्य अवस्थित है।
मीठा जल गंगा का उद्गम में, खारा सागर से मिल होता। मीठा जल गंगा का उद्गम में, खारा सागर से मिल होता।
रून - झुन सुना, सुबह जगाना। आँखों में आशा के डोरे भर थे।। रून - झुन सुना, सुबह जगाना। आँखों में आशा के डोरे भर थे।।
अर्धनारीश्वर स्वरूप पहचान, तांडव संभव। नारी बिन तारक ब्रह्म, कलिका पर्यंत नहीं।। अर्धनारीश्वर स्वरूप पहचान, तांडव संभव। नारी बिन तारक ब्रह्म, कलिका पर्यंत नही...
गांधी को प्रथमत:, 'फादर ऑफ नेशन' नाम से पुकार पाए। गांधी को प्रथमत:, 'फादर ऑफ नेशन' नाम से पुकार पाए।
बिन मौत सबको मर जाना होगा। अहसान-फ़रामोश नाक कटाना होगा।। बिन मौत सबको मर जाना होगा। अहसान-फ़रामोश नाक कटाना होगा।।