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DrKavi Nirmal

Inspirational

4.5  

DrKavi Nirmal

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पृथ्वी और पर्यावरण

पृथ्वी और पर्यावरण

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  • पृथ्वी और पर्यावरण

  • ब्रह्म चक्र संचर प्रतिसंचर की वर्णनातीत महामाया।
  • पृथ्वीलोक पर मानव हरिकृपा से, अवतरण पाया।।

  • तीन अरब वर्ष पूर्व, जल से ठोस धरा उभर कर आई।
  • बीग बैंग सिद्धांत पहेली, हमको समझ में नहीं आई।।

  • पादप- शैवाल ६५ करोड़ वर्ष पूर्व जल में जीवन आया।
  • ३१ करोड़ वर्ष पूर्व, पशु-पंक्षी मानव तन ले कर आया।।

  • बुद्धि का विकास हुआ, चकमक पत्थर मानव पाया।
  • ४३ लाख साल पहले, अग्नि जला पका अन्न खाया।।

  • ८ हजार पहले, शिव ने परिवार का सुपथ दिखलाया।
  • विकास हुआ पृथ्वी का तो यह आधुनिक युग आया।।

  • पचपन वर्ष पूर्व, दस लाख बुद्धिजीवी, पृथ्वी दिवस मनाए।
  • विश्व बँधुत्व का परचम्, विश्व कल्याणार्थ ध्वजा फहराए।।
  •  
  • करुणा नहीं, पशु भक्षण व वृक्ष काट कर, क्रूर हो बनते। भूकंपन, आंधी-तूफान व बाढ़ झेल कर भी, नहीं डरते।।

  • जल जीवन है अत:, अपव्यय त्याग- जल संग्रह करते।
  • धरती माता पर, हरितिमा फैलाओ, बंजर भूमि तरसे।।

  • डॉ. कवि कुमार निर्मल 


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