STORYMIRROR

Kanchan Prabha

Tragedy

4  

Kanchan Prabha

Tragedy

वृक्ष की चाह

वृक्ष की चाह

1 min
357

मत काट मुझे ऐ मानव तू

तेरा वक्त जब आयेगा

यमराज के कटार से फिर

तू भी बच ना पायेगा


कोई नहीं तब होगा ऐसा

तुझे आक्सीजन दे पायेगा

तेरा शरीर भी बोटी बोटी

चील कागा खा जाएगा


जिस तरह से ऐ बेदर्द मानव 

तू मुझको आज जलाएगा 

तेरा शरीर भी जल जल कर 

मिट्टी में मिल जाएगा


मत काट मुझे ऐ मानव तू

तेरा वक्त भी आयेगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy