वक़्त
वक़्त
लोग उगते हुए सूरज को सलाम करते है
यह तो दुनिया है यहां पैसा देख सलाम करते है
इज्जत पैसो को दी और ली जाती है
कौन अपना कौन पराया यहाँ तो हर रिश्ता एक किराया
वक़्त की आंधी ऐसी आती है
हर चीज़ को बहा ले जाती है
उगता होये सूरज को भी डूबना पड़ता है
घड़ी को भी समय बदलना पड़ता।
