सपनो की उड़ान
सपनो की उड़ान
दिल करता है खुद को उड़ान दूं
अपने सपने को सम्मान दूं
औरत हूं औरत के सपने को मान दूं
खुद को खुद की पहचान दूं
कुछ ख्वाब हैं कुछ जज़्बात है
आज मैं उनको उड़ान दूं
अबला नारी स्त्री बेचारी
इस शब्दो के जंजाल से
मैं खुद को ही मान दूं
अपने सपनो को उड़ान दूं ।