गाँव मे बसंत है
गाँव मे बसंत है
1 min
213
बसंत की हवाओं ने
गाँव की याद दिलाई है
मुझ वैरागी को
घर की याद आई है
शहर मे कहाँ बसंत है
ना सरसों के फूल है
हवाओं मे उमंग नहीं
दिल मे कोई तरंग नहीं
धरती का सिंगार नहीं
बिल्डिंग का अम्बार है
गाँव में बसंत है
खेत है प्यार है
अपनों का साथ है
चिड़ियाँ का चहचहाहट है
बाग़ हैं बगीचे हैं
गाँव में बसंत है।