वफाओं का सच
वफाओं का सच
मेरी वफाओं का सच बस इतना ही कि मैं हूँ उसी की,
वो माने ना माने मेरी हर साँस मानती है मैं हूँ उसी की।
उसे कभी कुछ कहना मेरी तरफ ही
उठाना उंगली हो किसी की
वो कभी ना जताये,
मैंने कब कहा धड़कनों में आहट है उसी की।
दुनिया सख्त है ये लम्हों को भी पता था
मुझे ही रूसवा किया जमाने में,
मैंने कभी नहीं चाहा दुनिया बर्बाद हो किसी की।
मेरी वफाओं को पता है की कितनी सच्ची है मेरी पूजा,
मेरे जाने के बाद दुनिया कहेगी मैं थी उसी की।
मेरी वफाओं का जफाओं का किस्सा मेरी दहलीज तक,
मैं खुश हूँ मेरी दुनियाँ में मुझे जरुरत नहीं किसी की।
मैं बदनाम हूँ इस दुनिया में तब ही तो उसे अहसास है
वरना मैं तो बन चुकी थी जरिया मयकशी की।
मेरी तन्हाइयों ने दुनिया की रुसवाइयों ने ही
बताया कि मैं हूँ परछाई किसी की।
मेरी वफाओं का सच बस इतना ही
कि मैं हूँ बस उसी की।।