कैदे इश्क़
कैदे इश्क़
परिंदो से पूछो कीमत आसमान की,
दिल से पूछो अहमियत अरमान की।
किसी नजर के कैद में रहना,
मुश्किल है अपनेमन की भी कहना।
इश्क़ इसे कौन कहेगा,
कब तलक दिल कैद में रहेगा।
जिन्दगी को रोकना किसके बस में है,
सुकून तो अजादी के लफ़स में है।
अश्क़ों के पास कहाँ जुबाँ है,
वो हर हाल में हमसफ़र पर कुर्बान है।
मुझे आकाश चाहिए साथ तेरा सहारा,
मैं तेरे साथ ही हूँ अमर रहे प्यार हमारा।