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Karuna Awasthi

Romance

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Karuna Awasthi

Romance

मैं भी तू, तू भी मैं

मैं भी तू, तू भी मैं

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खुला आसमान सारा मेरा हो जाये

दुनिया जहाँ मेरा हो जाये

एक बार जरा मुस्करा कर तुम देख लो

फिर सारा गुलिस्तान मेरा हो जाये


जो तू रुठ जाये तो इस दुनिया का

मैं क्या करूँ

मेरा खुद से ही रिश्ता टूट जाये


तेरी आँखों की बेचैनी मुझे परेशान करे

तेरे दिल के सुकून में ही मुझे भी चैन आये

तूझे मुस्कुराता जो देखती रहूँ

मेरे होठों पर खुद ही मुस्कान आ जाये


तू भी मैं हूँ ,मैं भी तू है तेरे होने से ही मैं हूँ

मैं तो तेरी आत्मा का लिबास हूँ

अब मुझे क्यों दुनिया से शर्म आये


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