वोट का अवसर
वोट का अवसर
द्रोह का अनुचर नहीं हूँ।
वोट का अवसर नहीं हूँ॥
ठोकरों में आ सके वो।
राह का पत्थर नहीं हूँ॥
बैठ जाऊँ शांति से मैं।
ऐसा' तो कायर नहीं हूँ॥
कारवाँ लेकर चलूँगा।
आज मैं बेघर नहीं हूँ॥
भावनाओं से भरा मैं।
सुन मगर शायर नहीं हूँ॥
उर समाये तीव्र लहरें।
पर कोई सागर नहीं हूँ॥
क्रोध में फुफकारता पर।
नाग या विषधर नहीं हूँ॥
ले निगल मुझको जमाना।
मैं शहद शक्कर नहीं हूँ॥
"कुशभुवनपुर" का निवासी।
वीर हूँ कातर नहीं हूँ॥