लाचार व्यक्ति छिपी हुई गरीबी- सिलवटों में। लाचार व्यक्ति छिपी हुई गरीबी- सिलवटों में।
दकियानूसी सोच, निहित स्वार्थ के जाल का, लोकतंत्र के मंदिर ने बंद किया आज अध्याय। दकियानूसी सोच, निहित स्वार्थ के जाल का, लोकतंत्र के मंदिर ने बंद किया ...
रुकी वो कलम, जो कि रुकती नहीं है जो हर दिन उजड़ते चमन देखता हूं। रुकी वो कलम, जो कि रुकती नहीं है जो हर दिन उजड़ते चमन देखता हूं।
हे बांकेबिहारी सुन लीजिए निज भक्त की कातर पुकार। हे बांकेबिहारी सुन लीजिए निज भक्त की कातर पुकार।
मटके का पानी ठंडा रखने तरह तरह के जतन करती मटके का पानी ठंडा रखने तरह तरह के जतन करती