वो पगली लड़की
वो पगली लड़की
आँखो को रौशन कर
हर तरफ अँधेरा कर गई
वो पगली लड़की
मुझे इश्क़ का ज़ख्म दे गई
यादों को हथियार बना कर
वो ज़ख्म कुरेदने को दे गई
वो पगली लड़की
मेरी आँखे नम कर गई
अपना बना कर वो
सब को दुश्मन कर गई
वो पगली लड़की
मुझे तन्हा कर गई
घुट-घुट के मर जाऊँ
वो ऐसा कर गई
वो पगली लड़की
मुझे खामोश कर गई
बोल ना पाऊँ मैं
किसी को दिल-ए-हाल
वो पगली लड़की
मुझे पागल कर गई
एक पल में साँसो
को रोक गई
वो पगली लड़की
कहानी जो खत्म कर गई

