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Aman Kumar

Tragedy

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Aman Kumar

Tragedy

वो एक स्त्री है

वो एक स्त्री है

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मुझे जन्म चाहिए कह रही वो एक स्त्री है, 

जिसके कोख में ले रही आकार है वो एक स्त्री है, 

हर रिश्ते को बांधे रखती जो वो एक स्त्री है, 

जिसके होने से ईंटों की दिवार लगे घर वो एक स्त्री है, 

आंखों में आंसू बांध बिखेरती खुशियाँ वो एक स्त्री है, 

धन, शक्ति, विद्या के स्वरुप को पूजते वो एक स्त्री है, 

भुल गये है पुरूष वो जीवित है क्योंकि वो एक स्त्री है, 

फिर भी भ्रुणहत्या करते क्योंकि वो एक स्त्री है, 

उसे जीवन में बोझ समझते क्योंकि वो एक स्त्री है, 

मैं आपकी लाठी बनूँगी कह रही वो एक स्त्री है, 

खुद के खोते वजूद पर रो रही वो एक स्त्री है, 

जब वो स्त्री है तब हम पुरूष है, 

मुझे जन्म चाहिए कह रही वो एक स्त्री है|

"रक्षा स्त्री जन्म का, सुरक्षा पुरुष जीवन का "



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