STORYMIRROR

Aman Kumar

Romance

4  

Aman Kumar

Romance

मैं और रंग

मैं और रंग

1 min
255

रंगों की ताक पर हुआ जो तेरा स्पर्श है

मोहब्बत की रंगीन वादियों में खुद को पाया है।

मैं बनकर रंगों का बादल तूझ पर बरसूँगा, 

इंद्रधनुषी छटा तेरे सफेद वसन पर खिला है।

फागुन में तुमसे मिलन को मन आतुर है, 

राधे कृष्ण के भाती करनी तुमसे अठखेली है।

तुम्हारे मुख पर पहली छाप मेरे रंगों से होनी है, 

तुम्हारे हाथों से बनी पहली गुजिया मुझे खानी है।

तेरे प्यार का रंग मेरे गालों पर आज भी लगा है, 

तेरे प्रेम के भांग का नशा आज भी चढ़ा है।

लाल, हरा, नीला, गुलाबी हर रंगों से लगाऊँगा, 

तुमसे मिलने के लिए कुछ भी बन जाऊँगा।

रंगों की ताक पर हुआ जो तेरा स्पर्श है

मोहब्बत की रंगीन वादियों में खुद को पाया है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance