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Aman Kumar

Tragedy

4  

Aman Kumar

Tragedy

सफर एक लेखक का

सफर एक लेखक का

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आसान नहीं होता डगर लेखक का, 

आसान नहीं होता बयां कर पाना दर्द लेखक का, 

लेखक को मुश्किल है छिपाना उलाहना लोगों का, 

परिवार वालों के तंज से बचकर लिखना लेखक का, 

कितना आसान सफर है न लेखक का।

जीवन के हर अवस्था को जीना लेखक का, 

हर भावनाओं में ढ़लना लेखक का, 

लेखक को जवाब देना है लोगों के सवालों का, 

फिर कलम के वर्णों से शब्दों में बदलना लेखक का, 

कितना आसान सफर है न लेखक का।

किसी के प्यार में होना गवारा नहीं लोगों को लेखक का, 

इजहार कर रहा जमाना प्यार के कविता लेखक का, 

फिर भी आज तक वो सम्मान नहीं समाज में लेखक का, 

कोई अगर बनना चाह रहा लेखक तत्पर है लोग रोकने को, 

फिर क्यों मुसकुराते पढ़ या सुनकर कविता, शायरी लेखक का, 

कितना आसान सफर है न लेखक का।


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