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Vihaan Srivastava

Abstract

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Vihaan Srivastava

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वक़्त

वक़्त

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वक्त जिंदगी को आसान बना देता है।

इच्छा को फरमान बना देता है।


टूटते तो वो ही है जो सॅंभलते नहीं।

वरना वक्त तो हसरतों को एहसान 

और हिम्मत को भगवान बना देता है।


आसाओं मे शान बना देता है।

वफाओ में जुबान बना देता है।


रूठते तो वो ही है जो खुद से लडते ही नहीं।

वरना वक्त तो जिगरे को जहाॅंन 

और जज्बो में ध्यान बना देता है।


हैवान को इंसान बना देता है।

बेइज्जती को भी मान बना देता है।


छूटते तो वो ही है जो संग बढते ही नहीं।

वरना वक्त तो बेगैरत को पहिचान 

बेदरदी को भी मुस्कान बना देता है।


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